Wednesday, June 15, 2011

वो

आस पास शांत हो रहा था सब
आवाज़ें कानो से दूर होती जा रही थी तब
धीरे धीरे वो मुझे अपने आगोश में लेने लगी थी
बहुत समझाया अपने आप को
लेकिन खामोशी में वो मुझे निहारने लगी थी.............

न्ही जानता था इतनी हावी हो जाएगी वो
हर जगह बस छा जाएगी वो
कितना अच्‍छा लग रहा था वो समा
लकिन मै भूल गया था की मै ऑफीस में था

उसकी इतनी नज़दीकी से  मुझे डर लग रहा था
बस कोई देख ना ले यही सोच रहा था
वो मुझमे इस कदर बस रही थी
कि उसके सिवा हर चीज़ दूर लग रही थी

बस अगले ही पल इस सन्नाटे को चीरती हुई एक आवाज़ आई
मेरी तो दुनिया ही जैसे डगमगाई जब दोस्त ने कहा
उठा जा साले...............
ओर वो( मेरी नींद) मेरे पास हो के भी कोसो दूर नज़र आई.......

Thursday, May 19, 2011

तालाश

मैंने भूल की ज़िंदगी
तुझे समझने में
आधा वक़्त बिता दिया युही
भटकने में........

कभी यहा भागा कभी वहा भागा
कभी इस डगर कभी उस डगर
जहा दिन की तमना की वही रात हो गई
शायद इसी भागदोर में अधूरी हर बात हो गई

कितना प्यार हें ज़िंदगी तुझमे समाया
जिसको हर जगह ढूँदने में क्यू मैंने वक़्त बिताया
तेरी इस खूबसूरती को देख मैं दंग रह गई
तेरे इस प्यार के संग से कैसे दूर रह गई

मेने तो डर के माँगा था खुशी का गागर
तूने मुझे दिखा दिया प्यार का खूबसूरत सागर
इस नशे के रंग में रंग गई मैं
सच में प्यार की खूबसूरती को समझ गई मैं

कितना गहरा हें ये प्यार
डूब कर इसमे हो गई में भी पार
मीठा हे बस ये एहसास
ऐसा लगा पूरी हो गई मेरी तालाश

Wednesday, April 27, 2011

खुबसूरत

खुबसूरत एहसास हैं ज़िन्दगी
ख़ुशी की आस हैं  ज़िन्दगी
एक  मीठास  हैं ज़िन्दगी
कभी  ना  मिटने  वाली  मीठी  प्यास  हैं ज़िन्दगी

Sunday, April 24, 2011

अंत

इस दर्द का अंत ज़रूर होगा
ज़िंदगी का सवेरा ज़रूर होगा
माना बहुत काली थी ये रात
दर्द भरी थी हर बात
लकिन खुशी का उजाला ज़रूर होगा

बुजदिल थे वो लोग जो अपनी बेवफ़ाई को
मजबूरी का नाम दे गए
जीते जी ज़िंदगी को
कफ़न की दुकान बना गये
कभी ना दे सकते हैं तुम्हे आंसू ये कह कर
आँखो में सिर्फ़ आंसू छोड़ गए

हर अंत की तरह इस अंत के बाद
एक नई शुरूवात होगी
ज़िंदगी में फिर से मीठे सपनो
की बरसात होगी
मुस्कुरा कर आएगी नई सुबह
भूला कर वो गम दे जाएगी
सिर्फ़ खुशी खुशी ओर खुशी की दुआ.......

Wednesday, March 16, 2011

साथ

एक चमक दिखी
भागने लगा मैं
प्यार से मुँह मोड़
झूठी खुशी
ढूँढने लगा मैं

तेरी हर रुदन
सुनने के बाद भी बेवफा हो गया मैं
इतना दर्द देकर तुझे
अपने लिए खुशिया बटोरने चला मैं

आधे रास्ते में साथ छोड़
रास्ता बदल गया मैं
इतनी ठोकर खा कर भी
उस चमक के पीछे भागता रहा मैं

जानता था तू हमेशा देगा साथ
फिर भी दुसरो के साथ की खातिर
तेरे साथ छोड़ गया मैं......

कितनी दूर निकल गया में
दिल में दर्द भर कर खुद
तन्हा हो गया मैं........
ज़िंदगी से हर उम्मीद छोड़
रास्ते में खो गया में...

मेरे रास्तो में तुझे पाकर
समझ नहीं पाया मैं.........
जब समझ आया तेरा प्यार
सब कुछ खो चुका था मैं..

मुझसे इतने आँसू पाकर भी
तूने सिर्फ़ मेरी हर हंसी की प्रार्थना की
कैसे कर सकता था खुदा भी अब
तुझसे मुझे ओर जुदा.........

आज सब कुछ हार कर
ज़िंदगी में सब कुछ लूटा कर
जीता सा लगा मैं....
तुझसे मिलकर बस सब पा गया था मैं..
तेरे साथ के सिवा बस कुछ ओर नहीं चाहता मैं....
कुछ ओर नहीं चाहता मैं............

Tuesday, February 22, 2011

दिल की दुश्मनी

दिल ने ये आँखो से
कैसी दुश्मनी थी कर डाली....
आँखो ने माना दिल को
प्यार में था फसाया..............
मगर दिल भी कहा कम था दर्द से
उसने आँसू को बनाया ओर आँखो
को प्यार में रुलाया...............

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