Thursday, September 16, 2010

वक़्त

कांटो भरी राहें हो जब
हर पल एक सदिया लगे जब
बूँद बूँद आँसू अंदर ही अंदर रिसे जब
ओर कुछ नही इसी को कहते हें बुरा वक़्त

बहुत मुश्किल हें इस वक़्त में अपने आप को संभालना
इन आँसुओ की बूँदो को छलकने से रोकना
दिल को मनाना ओर आँखो को समझाना
ओर पीछे मूड कर ना देख आगे बढ़ जाना

ज़रूरी हें इस वक़्त का भी आना
सच्चे झूठे की पहचान करवाना
ओर ज़िंदगी का असली चेहरा दिखाना
जो बोलते थे बहुत कुछ
उनका सच भी तो सामने लाना

ऐसा नही हें की ये कटेगा नही
ओर ये थमा सा वक़्त बढ़ेगा नही
शायद थोड़ी सी देर लगेगी
लेकिन सूरज की नई किरण ज़रूर दिखेगी

फिर भी इतना पराया नही हें ये दुख
इसी दुख ने ही तो एक अपना दिया
इतने बेरंग रंगो में भी
एक खूबसूरत रंग उभार दिया
बंद कर दुख का ये द्वार
एक खुशी का नया द्वार खटका दिया

अगर बुरा वक़्त ही खूबसूरत लगने लगेगा
कुछ ना पास होते हुए भी कुछ खोने का डर लगेगा
तो सोचो अच्छा वक़्त कितनी खुशिया लाएगा
भूला कर सारे गम खुशियो की छाव दे जाएगा

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