Monday, August 17, 2009

वौ नाहि जानते शायाद

जीतना उनकी आदत होगी
झूकना तो वो भूल गये होगे
उचाईया छूना ही उनके अरमान होगे
तकदीर के साथ लड़ना उनका शोक होगा
वो न्ही जानते शायद की खोखली खुशियो मे जीना तो हार है
प्यार के लिए झूकना ही असली जीत है
किसी हारे हुए को उठाना एक ज़िंदगी की उचाई हॅ
कुछ नही पास फिर भी गमो को हरा देना सबसे बड़ी लड़ाई है
आँसू है आँखो मे फिर भी मुस्कुराना ही ज़िंदगी की सचाई है

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर कवितायें लिखते हैं आप , नेहा बीमार है , बस जैसे मन बोलता है उसी को जुबान दे दी है | कुछ शब्दों में मात्राएँ ठीक करने वाली हैं , शायद आप रोमन हिंदी में नए लिखने वाले हैं , जब आप स्पेस बार दबाते हैं तो जो शब्द आता है वो आपका मनचाहा नहीं है तो आप बैक स्पेस दबायें , फिर आपको तीन चार ऑप्शन कंप्यूटर देगा ,उनमे से जो आपका सही शब्द हो उसे सेलेक्ट कर लें , और आगे बढ़ें | माफ़ कीजियेगा ,मुफ्त अनचाही सलाह दे रही हूँ , सिर्फ इसलिए कि शायद आपको जरुरत हो |

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  2. कितनी खूबसूरत पंक्ति है -

    आँसू है आँखों में फिर भी मुस्कराना ही जिंदगी की सचाई है ।"

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  3. आँसू है आँखो मे फिर भी मुस्कुराना ही ज़िंदगी की सचाई है
    bahut khoobsurat aapke jaisa likhte rahiye

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  4. बहुत सुंदर बात कही है आपने।
    ( Treasurer-S. T. )

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