आँखो में आँसू होना ही
क्या गम की निशानी हें
कही बार चेहरे की मुस्कुराहट
भी कहती एक कहानी हें
क्या रोना उनके लिए
जो आए सिर्फ़ गम देने हें
सीख कर उनसे भी एक पाठ ज़िंदगी का
उनके भी हम शुक्रगुज़ार हो चले हें
कभी धूप में कभी छाव् में
ज़िंदगी के हर बहाव में
बहना सीख चुके हैं
गमो क इस कशमश में कश्ती बना के
तेरना सीख चुके हैं
ज़िंदगी जीने की दी हो कितनी भी क़ीमत
मगर अब भी डगमगा कर
संभलने की हें हिम्मत
तो क्या हुआ अगर दिल टूटा हेँ
हमने भी मन को समझा लिया
ये गम तो झूठा हें
अगले मोड़ पर खुशी कर रही होगी इंतज़ार
हम भी अब आगे बढने को हैं बेकरार
ज़िन्दगी अब तू कुछ भी कर
हमने भी कर लिया हैं तुजसे प्यार