मैंने भूल की ज़िंदगी
तुझे समझने में
आधा वक़्त बिता दिया युही
भटकने में........
कभी यहा भागा कभी वहा भागा
कभी इस डगर कभी उस डगर
जहा दिन की तमना की वही रात हो गई
शायद इसी भागदोर में अधूरी हर बात हो गई
कितना प्यार हें ज़िंदगी तुझमे समाया
जिसको हर जगह ढूँदने में क्यू मैंने वक़्त बिताया
तेरी इस खूबसूरती को देख मैं दंग रह गई
तेरे इस प्यार के संग से कैसे दूर रह गई
मेने तो डर के माँगा था खुशी का गागर
तूने मुझे दिखा दिया प्यार का खूबसूरत सागर
इस नशे के रंग में रंग गई मैं
सच में प्यार की खूबसूरती को समझ गई मैं
कितना गहरा हें ये प्यार
डूब कर इसमे हो गई में भी पार
मीठा हे बस ये एहसास
ऐसा लगा पूरी हो गई मेरी तालाश
तुझे समझने में
आधा वक़्त बिता दिया युही
भटकने में........
कभी यहा भागा कभी वहा भागा
कभी इस डगर कभी उस डगर
जहा दिन की तमना की वही रात हो गई
शायद इसी भागदोर में अधूरी हर बात हो गई
कितना प्यार हें ज़िंदगी तुझमे समाया
जिसको हर जगह ढूँदने में क्यू मैंने वक़्त बिताया
तेरी इस खूबसूरती को देख मैं दंग रह गई
तेरे इस प्यार के संग से कैसे दूर रह गई
मेने तो डर के माँगा था खुशी का गागर
तूने मुझे दिखा दिया प्यार का खूबसूरत सागर
इस नशे के रंग में रंग गई मैं
सच में प्यार की खूबसूरती को समझ गई मैं
कितना गहरा हें ये प्यार
डूब कर इसमे हो गई में भी पार
मीठा हे बस ये एहसास
ऐसा लगा पूरी हो गई मेरी तालाश
कितना गहरा हें ये प्यार
ReplyDeleteडूब कर इसमे हो गई में भी पार
मीठा हे बस ये एहसास
ऐसा लगा पूरी हो गई मेरी तालाश
सचमुच प्यार के गहरे अहसास का दूसरा नाम ज़िन्दगी है और ज़िन्दगी की हर तलाश यहीं पर ख़त्म हो जाती है !
आपके खूबसूरत भाव अच्छे लगे !
आभार !
सुन्दर,भावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteहमेशा की तरह.......