कुछ खोकर पाया कुछ पाकर खोया
ये खेल कैसा समझ न्ही आया
करके पूरा सफ़र ज़िंदगी का
मे भी चला उस ओर जहा से था आया
मूज़े ये किस सवारी पर ले के चले ये लोग
आँसू से भारी आँखें देखे मेरी ओर
देख देख मुझे क्यू रोते ये मेरे अपने
क्यू ना थकते ये कहते
ना देख सकता जो एक भी आँसू इन आँखो मे
ओर आज आंसूओ क सिवा सब कुछ ले गया इन आँखो से
जब कुछ समझ आया ये क्या हुआ
करने लगा बस यही दुआ
मत कर ऐसा जुदा मेरे खुदा
मे मर कर भी मर ना पाऔगा
जिनके लिया जीता था
उनके लिए तो मौत से भी लड़ जाओंगा
ये मेरी जीत थी या हार
ज़िंदगी के सफ़र मे क्यू न्ही
कर पाया मे जी भर के प्यार
एक दिन दे दे बस मुझे करने के लिए प्यार
फिर हज़ार बार मरने क लिए हो जाओंगा खुद ही त्यार
मुझे ना मिला एक दिन ना ही एक पल
मेरा रुदन ना कर सका कुछ भी हलचल
फिर समझ आया ये जीवन कुछ भी न्ही
फिर भी बहुत कुछ हे इसने अपने मे समाया
बुत उम्दा आपने ग़ज़ल को पेश किया है .....लाजवाब....जितनी भी तारीफ हम आपकी नेहा जी करे उतनी कम पड़ेगी आपके लिए....लिखते रहिये....
ReplyDeleteek achchhi kavitaa hai
ReplyDeletehindi font me likhne me kuchh galtiyaan ho rahi hai is par thoda dhyaan de..."मूज़े,त्यार"...aisi chhoti mistakes aksar reh jaati hai isliye ek baar edit kar lijiye..
ReplyDeleterachna shuru mein average hai par ant mein achhi hai kaafi..feelings are intense which is good..keep writing
www.pyasasajal.blogspot.com
Very Good Kavita....
ReplyDeleteReminding people about the truth - Dont run behind money - Love and care others - Kuch saath nahin jaayega .......Sab yehin reh jaayega....
Great words !!!!
AWESOME!!!
ReplyDeletevery nice poem... its just out of the world .. extremely good..
ReplyDelete"ये मेरी जीत थी या हार
ReplyDeleteज़िंदगी के सफ़र मे क्यू न्ही
कर पाया मे जी भर के प्यार"
Nice... really nice.
But one suggestion.
Please pay attention to spellings and the way words appear on screen (due to Hindi typing).. It can turn off some folks. :)
Hope you will not mind my constructive feedback.
~Jayant
अगर आप गूगल की टाइपिंग किट इस्तेमाल कर रही हैं हिन्दी लिखने के लिए, तो मेरी सलाह होगी कि आप आज ही अपने कम्प्यूटर पर एक्सपी इनेबल्ड रिजनल एंड लैंग्वेज सेटिंग से हिन्दी इंस्टॉल कर लें। अगर ये न कर सकें, तो आप कैफे हिन्दी टाइपिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। अगर आपको हिन्दी लिखने में किसी प्रकार की मदद चाहिए तो बेहिचक फोन कर लें-09852909234, 09835193065
ReplyDeletefir samjh aya jeeven kuchh bhi nahi....boht kuchh kah diya apne....
ReplyDeleteक्यू ना थकते ये कहते
ReplyDeleteना देख सकता जो एक भी आँसू इन आँखो मे
ओर आज आंसूओ क सिवा सब कुछ ले गया इन आँखो से
bahut badhiya abhivyakti. sidha var.
WAH neha WAH!! kya baat hai...........
ReplyDeletetune galat line main ho.... tumhe poetry karni chahiye ........... :)
लोग लिख्नने के गरजमन्द है लेकिन, आपका अन्दाज भी तो अच्छा है.
ReplyDeletekahaan hai aaj kal aap?
ReplyDeletebahut khubsurat likha kabhi mere blog par bhi aayen.
ReplyDeleteइक अच्छी गजल लिखी है आपने......
ReplyDelete"कुछ खोकर पाया कुछ पाकर खोया"
वाकई में यही जिंदगी का सफ़र है..........
एक अनुरोध है आपसे ये Word verification हटा दीजिये......
ReplyDeletebahut acha likha hai aapne..
ReplyDeletesari kavitayen achi hain..
aaj pahle baar aapke blog pe aaya..
kafi pasanad aaya...